Krishi Kya Hai Jane :- दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि भारतीय किसान हमारे देश के सभी लोगों के जिंदगी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। भारतीय किसान अपना कर्म यानी खेती कर सभी जनता का पेट भरते है। किसान कड़ी मेहनत मेहनत करके फसलों को उपजाते हैं दोस्तों अगर आप लोग कृषि के बारे में जानना चाहते हैं तो मेरे इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े हैं और दोस्तों को शेयर कर दें
उसके बाद बाजार में नियति करते हैं पश्चात हम तक अनाज पहुंचता है किसान खेती कर सभी कि अनाज प्रदान करने के साथ-साथ अन्य प्रकार के लोगों का जीवन सुखमय बनाते हैं, क्योंकि हर एक इंसान जो इस धरती पर रह रहा है उसे जीवन रहने के लिए अन्न की आवश्यकता है। जो भारतीय किसान द्वारा संभव हो पाता है, भारतीय किसान हमारे जीवन का मूल्य हिस्सा है जो मरते दम तक हमें अन्न प्रदान करते हैं।
भारतीय किसान
दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि ही है। कृषि कर्म हीन जिनके जीवन का आधार हो, वह है कृष्क। त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है किसान। वह जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करता रहता है। किसान ही अपने खेतों में दिन रात मेहनत करता है।
दोस्तों हमारे किसान वह किसी पौधे के बीज से लेकर पूरे उस पौधे के बड़े होने तक इंतजार करता है। और उससे अन्न प्राप्त करके हमारी मूल आवश्यकता को पूर्ण करता है। हमारे जीवन में किसान का योगदान किसी ईश्वर से कम नहीं है। Krishi Kya Hai Jane
दोस्तों वर्तमान संदर्भ में हमारे देश में किसान आधुनिक विष्णु है। वह देश भर को अन्न फर्ल साग सब्जी आदि दे रहा है लेकिन बदलने में उसे उसका परिश्रमीक तक नहीं मिल पा रहा है। प्राचीन काल से लेकर अब तक किसान का जीवन अभाव में ही गुजरा है। किसान मेहनती होने के साथ साथ सादा जीवन व्यतीत करने वाला होता है। उसका पहनावा ग्रामीण होता है।
Krishi Kya Hai Aur Iske Visheshtaen :-कृषि क्या है और इसके विशेषताएं
वह फूस के झोपड़ी में रहता है, हालांकि पंजाब हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के बहुत से कृष को के पक्के मकान भी है। हालांकि किसानों के अभाव को कम करने के प्रयास में कई योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही है। Krishi Kya Hai Jane
किसानों को समय-समय पर गांव में ही कार्यशाला आयोजित कर कृषि विशेषज्ञों द्वारा कृषि क्षेत्र में हुए नए अनुसंधानो की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा उन्हें रियासती दर पर उच्च स्तर के बीज आधुनिक कृषि यंत्र खाद सिंचाई के लिए नहरों व नलकूपों का निर्माण कराया जा रहा है।
दोस्तों उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने व व्यावसायिक खेती करने के लिए सरकार की ओर से बहुत कम ब्याज दर पर कृष्ण मुहैया कराया जा रहा है। सरकार द्वारा ये सब सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बाद भी दोस्तों भारतीय किसान इसका फायदा नहीं ले पा रहे हैं।इसके कई कारण है।
दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि सर्वप्रथम उसकी संतुष्टि अशिक्षा अज्ञानता आधुनिकता से दूरी आदी। जिसके कारण अथक परिश्रम से तैयार की गई फसल खलिहान तक पहुंचाने से पहले साहूकार जमींदार के हाथों में पहुंच जाती है।
Krishi Kya Hai Aur Iske Visheshtaen :-कृषि क्या है और इसके विशेषताएं
किसान के परिश्रम के फल को बिचौलिए और दलाल खा रहे हैं। चुकी हमारे देश में दो तिहाई कृषि वर्ष और मानसून पर आधारित है इसलिए किसानों को कभी सुख कभी बाढ़ की स्थिति भी झेलनी पड़ती है। उसकी इस आर्थिक अभाव ग्रस्त पीड़ा की व्यथा कथा को वही समझ सकता है।
दोस्तों हमारे देश की प्रगति एवं विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला भारतीय किसान अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार स्तंभ है। उसकी मेहनत कर जिंदगी को सहारा देश नमन करता है। सच कहा जाए तो हमारे भारतीय किसान एक महान किसान है और महान इंसान भी है।
हमें इस धरती पर जीवन रहने के लिए जलवायु के साथ साथ अन्य प्रकार के भोजन की आवश्यकता होती है। जिसे भारतीय किसान अपने कठिन परिश्रम से हमारे तक पहुंचाती है,और इसलिए किसान हमारे लिए जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दोस्तों हमारे भारतीय किसान वह है जो कड़े धूप आंधी तथा मूसलाधार बारिश को जलते हुए खेतों में काम कर उगते हुए अनाज को हार प्रकार से ध्यान देखकर फसल उठ जाते हैं इसके दौरान है इसकी मेहनत रंग लाती है। और वह फसल अनाज के रूप में हम तक पहुंचाई जाती है जिससे देश के साथ साथ पूरे राज्य के जनता का पेट भरता है |
प्राचीन काल में फसल उप जाने वक्त भारतीय किसान कई प्रकार के सुविधाओं को जैसे बैलगाड़ी यानी बैलों के द्वारा खेती की जुताई की जाती थी। पर अब आधुनिक तकनीकों के अनुसार जैसे की ट्रैक्टर का उपयोग किया जाता है,और इसके साथ-साथ भारतीय किसान भी कठिन मेहनत के द्वारा ही अनाज को उप जाना संभव हो पाता है
कृषि क्या है
दोस्तों हम आप लोग को बता दे की कृषि में फल उत्पादन फल और सब्जी की खेती के साथ-साथ फूलो की खेती पशुधन उत्पादन मत्स्य पालन कृषि वानकी और वानिकी शामिल है। ये सभी उत्पादक गतिविधियां है।
भारत में कृषि आय का 1987- 1988 में 30.3 प्रतिशत था जोकि पचहतर था जोकि 75 प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार देती है। 2007 तक यह आंकड़ा 52 % तक पहुंच गया था।
मुख्य आर्थिक गतिविधि होने के बाद भी विकसित राष्ट्रों की तुलना में कृषि में शामिल उत्पादन के कारको की उत्पादकता बहुत कम है। बहुत दुख की बात है कि लोगों का पेट भरने वाले किसान को हमारे देश में ज्यादा इज्जत नहीं दी जाती है
खेती और वानिकी के माध्यम से खाद पदार्थों का उत्पादन करना कृषि कहलाता है। संपूर्ण मानव जाति का अतित्व कृषि पर ही आश्रित है। हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता भोजन का निर्माण कृषि के द्वारा ही संभव होता है। कृषि में फसल उगाने या पशुओं की पालन की प्रथा का वर्णन करें
किसान के रूप में हमें काम करने वाला कोई भी व्यक्ति कृषि उद्योग में है।Krishi Kya Hai Jane
निष्कर्ष
भूमिका ⇒ भारत कृषि प्रधान देश है, जिसकी १० प्रतिशत जनता गाँवों में निवास करती है एवं जिसका व्यवसाय कृषि है। इसी लिए गाँधी जी भारत के गाँवों को भारत की आत्मा और भारतीय संस्कृति को ‘कृषक-संस्कृति’ कहा करते थे।
भारतीय किसान का जीवन भारतीय किसान का जीवन परिश्रम तथा त्याग की गाया है। वह प्रातः काल से लेकर देर रात तक परिश्रम करता है, खेतों में अन्न उगाता है और नगरवासियों का अन्नदाता है।
दोस्तों चाहे कड़कड़ाती ठंड हो या चिलचिलाती धूप, वर्षार्ण की झड़ी लगी हो या तेज़ आँधी-तूफान आए, वह कर्म योगी की तरहअपने कर्तव्य पालन में लगा रहता है। भारत का किसान सादा-सूखा खाकर, मोटा कपड़ा पहनकर, कच्चे-पक्के मकानों में रहकर भी संतुष्ट रहता है। Krishi Kya Hai Jane
भारतीय किसान की विशेषताएँ और उसकी दुरवस्था⇒ स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी भारत
का किसान रूढिवादी, भाग्यवादी तथा अंधविश्वासी है। निर्धनता और अज्ञानता, दोनों ही किसान के लिए अभिशाप है। कृषि के वर्षा परनिर्भर रहने के कारण प्राय: वह कर्ज में डूबा रहता है। धार्मिक उत्सवों तथा सामाजिक परंपराओं पर अपनी क्षमता से अधिक खर्च कर देने के कारण उसकी स्थिति और भी दयनीय हो जाती है ।
सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयत्न सरकार ने भारत के किसानों की “दशा सुधारने के लिए अनेक योजनाएं प्रारम्भ की हैं, जिनका आशातीत सुपरिणाम निकला है। अच्छी तकनीक, खाद, बीज आदि का सरकारी समितियों द्वारा वितरण, शिक्षा का प्रसार तथा सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिससे किसानों की दशा में काफी सुधार हुआ है।