Mobile Phone Kiya Hai :- वर्तमान समय में मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। अब परिस्तिथि ऐसी बन गयी है हम और आप मोबाइल फोन के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते । मोबाइल फोन ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है जहाँ एक ओर मोबाइल के बहुत सारे लाभ है तो वही इसका दुरूपयोग भी आजकल खूब हो रहा है।
इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी लोगों को मोबाइल फोन के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी देने वाले हैं। अगर आप अभी मोबाइल फोन के बारे में विस्तार से जानकारी चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़ें एवं अपने दोस्तों में भी इसे शेयर करें।
मोबाइल क्या है?
मोबाइल फोन एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे लम्बी दूरी में वॉइस कॉल के लिए उपयोग किया जाता है। इसे मोबाइल फोन के अलावा कई अन्य नामो जैसे की सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन इत्यादि नामो से भी बुलाया जाता है। वर्तमान समय इसके जगह अब स्मार्ट फोन ने ले लिया है।
सबसे पहले वर्ष 1917 में रेडियो का अविष्कार हुआ, जो आगे चलकर मोबाइल फोन के आविष्कार में मिल का पत्थर साबित हुई। मोबाइल रेडियो की मद से तार के जरिये कनेक्ट कर लोग एक दूसरे से बात किया करते थे। और शुरूआत समय के समय इसका उपयोग ज्यादातर वाहनों में संपर्क के लिए किया जाता था। वर्ष 1993 ईस्वी में दुनिया का पहला मोबाइल फोन बनाया गयामोबाइल फोन के फायदे और नुकसान
मोबाइल फोन के लाभ
1. दूसरे से जुड़े रहने के लिए :- मोबाइल का आविष्कार 20 वीं सदी के सबसे क्रांतिकारी अविष्कार में से एक है। ऐसे तो मोबाइल फोन के बहुत सारे लाभ हैं, जिनमे से एक है, अपनेपरिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों इत्यादि से फोन कॉल, वीडियो कॉल, चैट इत्यादि कर आप आसानी से इन्हें दुनिया के किसी कोने से जुड़े रह सकते है। ( Mobile Phone Kiya Hai )
2. मनोरंजन के लिए :- मोबाइल फोन के जरिये अब आप कही भी कभी भी खुद तो एंटरटेन कर सकते है, आप अकेले कही यात्रा कर रहे हैं तो आप बोरियत महसूस नहीं करेंगे, आप आसानी से ऑडियो, वीडियो सन देख सकते है, फोटो खींच सकते है। इंटरनेट के जरिये यूट्यूब चलाकर मनोरंजन कर सकते हैं।
3. पढ़ाई के लिए :- शिक्षा में मोबाइल का उपयोग तो पहले से हो ही रहा था। पर वास्तव में इसका इस्तेमाल तब आया जब Covid-19 महामारी पूरी दुनिया में फैल गया। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग संस्थान इत्यादि बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई लिखे बाधित होने लगी। ऐसे में इन सभी संस्थान के टीचर्स ने बच्चो को ऑनलाइन पढ़ना, शुरू किया, तो आप समझ सकते है मोबाइल फोन कितना उपयोगी है।
4. बैंकिंग सुविधाओं के लिए :- मोबाइल बैंकिंग 1 का नाम तो आपने सुना ही होगा, मोबाइल फोन के जरिये आप बैंकिंग सुविधाओं का इस्तेमाल अपने मुताबिक कहाँ भी कर सकते 1 आप आसानी से अपने लोगो को मोबाइल बैंकिंग के जरिये पैसे भेज सकते हो। अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर सकते हो। इसके अलावा आप कई अन्य तरह के ट्रांसक्शन्स के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है जैसे की बस ट्रेन हवाई यात्रा के लिए टिकट लुक करना इत्यादि । ( Mobile Phone Kiya Hai )
4 या 5. सोशल मीडिया चलाने के लिए आपको ऐसे तो सोशल मीडिया आप लैपटॉप, या कंप्यूटर में भी इस्तेमाल कर सकते है, पर आप लैपटॉप, या कंप्यूटर को हमेशा साथ तो नहीं ले जा सकते है मोबाइल का साइज छोटे होने के कारण आप इसे कही भी साथ ले जा सकते है। और अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स जैसे की फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सअपइत्यादि को इस्तेमाल कर सकते है। इसके साथ-साथ अगर आप कही अनजान जगह पर जा रहे हो तो आप गूगल मैप्स के जरिये अपनी यात्रा को आसान बना सकते है।
मोबाइल फोन का नुकसान
1. समय की बर्बादी :- अपने अपने आस पास लोगो को देखा होगा लोवा घंटो-घंटो मोबाइल में समय बर्बाद करते रहे है। आलतू – फालतू के यूट्यूब वीडियोस, शार्ट वीडियोस, सोशल मीडिया को चलाते रहते है। जो की धीरे धीरे लत में बदल जाती है। और काफी समय की बर्बादी होती है।
2. दुर्घटना घटने की संभावना :- कई लोगो को तो मैंने अक्सर देखा है की बाइक था कार चलाते वक्त भी मोबाइल का इस्तेमाल करते रहते है। जिससे दुर्घटना घटने की सम्भावना ज्यादा हो जाती है। और कई लोग एक्सीडेंट होकर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी बर्बाद कर बैठते है।
3. स्वास्थ पर बुरा प्रभाव :- अत्यधिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के कारण, इसका,स्वास्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। लोग आजकल अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों से घंटो मोबाइल पर बात करते रहते है, इससे कैंसर जैसे घातक बीमारी हो सकती है, छात्रों में एकाग्रता की कमी देखी जा रही है इसकेअलावा सोशल मीडिया पर अधिक समय व्यतीत करने के कारण लोग अब एक दूसरे से मिलता-जुलता कम पसंद करने लगे है। ( Mobile Phone Kiya Hai )
4. पैसे का खर्चा :- लोग दिखावा करने के चक्कर में हर छह महीने, एक साल पर नया मोबाइल खरीदते है। कई लोग तो इस चक्कर में काफी महंगे मोबाइल भी खरीदते है। जिससे फिजूलखर्च बढ़ जाती है। मोबाइल समाचारों के लेन-देन के लिए बना एक यंत्र है जो पाँच सौ रुपए से एक लाख रुपए तक में मिलता है। इससे समाचारों के आदान-प्रदान में आसानी होती है। जब चाहा, जिससे चाहा, जितनी देर तक चाहा बतियाते रहे। चाहे वह संसार के किसी कोने में क्यों न हो। चित्रों को भेजना, लिखित समाचार भेजना, चित्रों के मार्फत खेल खेलना, जोड़ना-घटाना सब आसान हो गया है। परंतु इससे हानियाँ भी हैं।इन पर हमारा ध्यान नहीं जाता।
- आजकल मोबाइल 2G, 3G, 4G से चित्रों का भी प्रसारण आसान हो गया है। इंटरनेट की सारी सुविधाएँ मोबाइल पर उपलब्ध हैं। चरित्र पतन करने वाले चित्र इस पर आते रहते हैं। मनुष्य की यह कमजोरी है कि वह चरित्र के उत्थान पर उतना ध्यान नहीं देता जितना चरित्र के पतन के लिए जिम्मेवार चित्रों, घटनाओं और प्रक्रियाओं पर देता है। छात्र-छात्राओं को तो बड़ा आनंद आता है। लेकिन घाटा कहाँ और कैसे हो रहा है, इसका तो जैसे उन्हें बोध ही नहीं । चरित्र-निर्माण की तो उन्हें जरूरत ही नहीं। उत्तम से उत्तम अंक लाने की तो उन्हें जरूरत ही नहीं। अपराध के क्षेत्र में प्रवेश करते उन्हें देर नहीं लगती। मोबाइल मानसिक संतुलन खोने में सहयोगी भी हो सकता है।
- अक्सर देखा जाता है कि लोग मोबाइल पर चिल्ला-चिल्लाकर बातें करते रहते हैं। बगल में कोई बीमार है या उसे उसकी बातों में कोई रुचि नहीं है, फिर भी उसे सुनना ही पड़ता है। अधिक बतियाने से झगड़ा झंझट भी मोबाइल पर ही शुरू हो जाता है। मोबाइल पर कम-से-कम बातें बतियाना तो लोग जानते ही नहीं। संक्षेपीकरण तो उन्होंने सीखा नहीं, हाँ पल्लवन करना वे जानते हैं। बड़बड़ाना, चिल्लाना और यहाँ तक कि गाली-गलौज और धमकियाँ तो लोग मोबाइल पर ही दे डालते हैं।
- मोबाइल ध्वनि प्रदूषण में बड़ा सहयोगी यंत्र है। संसार में शोर की मात्रा पहले ही कम नहीं थी। पर अब मोबाइल की घंटियाँ हर जगह अपना बेसुरा संगीत सुनाती रहती है। अब तो गाने के कैसेट भी मोबाइल पर ही बजने लगे हैं-‘झंडू बाम हुई’ ‘फेवीकोल से’ ‘जलेबी बाई’ ‘कोलाबेरी, कोलाबेरी, कोलाबेरी’। मोबाइल के ध्वनि तरंगों से हृदयाघात भी हो सकता है। शरीर के अन्य तंत्रों में भी इसका प्रभाव स्वास्थ्यवर्द्धक नहीं कहा जा सकता है। छोटे बच्चों का तो निधन भी हो जा सकता है, लोग कान से बहरे भी मोबाइल के सहयोग से हो जाते हैं।
- संसार शांति चाहता है। पर मोबाइल उन्हें अशांत कर देता है। आप पूरब जा रहे हैं। संदेश आता है पश्चिम जाएँ। आप अशांत हो उठते हैं। स्कूल कॉलेजों में तो इनकी बहार ही देखी जाती है। गोरे तो गोरे, काले कलूटे भी इस यंत्र का फायदा उठा ही लेते हैं। लंबे तो उठाते ही हैं, नाटे भी नहीं चुकते। महँगे-महँगे मोबाइल से बतियाना तो अब फैशन ही हो गया है। अच्छी-बुरी स्थिति के भी फोटो खींच लिए जाते हैं। फिर शुरू हो जाती है ब्लैकमेलिंग। पढ़ाई के लिए एकाग्रता जरूरी है। लेकिन मोबाइल ने एकाग्रता भंग कर रखा है।
- मोबाइल ने मनुष्य को फिजूलखर्ची के गड्ढे में ढकेल दिया है। महँगे मोबाइल सेट तो महँगे हैं ही, सस्ते भी दो हजार से कम में नहीं मिलते। निम्न वित्तवर्ग के लोग खर्चों से कराहते पहले से ही थे, अब मोबाइल ने तो उनकी जेब ही काट ली है। मोबाइल फैशन का प्रतीक बन गया है। फिर रिचार्ज कराने के लफड़े से मुक्ति नहीं मिलती दिखाई देती है। अरे हाँ, अब तो मोबाइल की चोरी भी हो रही है। स्टेशन पर जेबकतरे इसके लिए खड़े रहते हैं। छोटे-छोटे कम उम्र के बच्चे पाकिटमारी कर मोबाइल बेचते देखे जा सकते हैं।
- मोबाइल से एक हानि और है। इसने पत्र-लेखन कला को नष्ट कर दिया है। अब पत्र नहीं आते। डाकिया नहीं आता। दूर-दराज के लिखित समाचार नहीं आते। आता है दाँत निपोरते हुए मोबाइल। हाँ, अब अपराधी भी मोबाइल से धमकी देने लगे हैं। वे वैज्ञानिक चोरी करने लगे हैं। वे मूर्ख क्यों बने रहें ?
निष्कर्षतः-
भले ही मोबाइल फोन के आने से हमें काफी सहूलियत हुई है। सुविधा बढ़ी है पर हमें मोबाइल फोन का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार ही करना चाहिए। मोबाइल पर समय की बर्बादी करने से बचिए, घर से बाहर निकलिए लोगो से मिलिए जुलिये, बाते कीजिये, मोबाइल पर गेम खेलने के बजाय बाहर मैदान में जाकर अपने पसंदीदा गेम्स खेलिए। हाँ मोबाइल का भी इस्तेमाल कीजिए पर एक सिमा तक
मोबाइल से हानियाँ और लाभ दोनों है। ये भी सच है कि आज के युग में बिना मोबाइल के एक पल भी लोगों को काम नहीं चल सकता है। पुरी दुनिया ठप पड़ जाएगी। ये हमलोगों पर निर्भर करता है कि मोबाइल का उपयोग किस रूप में करें।